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55th International Film Festival of India | 55वां भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव: गोवा में वैश्विक सिनेमा का उत्सव

भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) पनाजी, गोवा में अपना 55वां संस्करण शुरू करने जा रहा है। यह वार्षिक आयोजन, जो सिनेमाई उत्कृष्टता का प्रतीक बन चुका है, एक बार फिर गोवा को वैश्विक संस्कृति, प्रतिभा और सिनेमा का जीवंत केंद्र बना रहा है। फिल्म प्रेमियों, उद्योग के दिग्गजों और नवोदित फिल्म निर्माताओं के लिए IFFI एक ऐसा मंच है जहाँ वे न केवल अपनी फिल्मों का प्रदर्शन कर सकते हैं बल्कि कलात्मक उत्सव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अद्वितीय अनुभव भी कर सकते हैं।


55वां भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव: गोवा में वैश्विक सिनेमा का उत्सव

IFFI 2024: मुख्य आकर्षण और थीम IFFI 2024 की थीम, "युवा फिल्म निर्माता - भविष्य अब है," युवा पीढ़ी के सिनेमा के भविष्य को आकार देने में महत्व को दर्शाती है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने IFFI की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा की सराहना की और इसे कांस जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक महोत्सवों की श्रेणी में रखा।


विविध फिल्म लाइनअप IFFI 2024 में 16 श्रेणियों में विभाजित फिल्मों का विशेष चयन है, जो सभी प्रकार के फिल्म प्रेमियों के लिए कुछ न कुछ पेश करता है। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर शामिल हैं, जो दर्शकों को नए सिनेमाई अनुभव का मौका देते हैं।


अंतरराष्ट्रीय सिनेमा खंड अंतरराष्ट्रीय सिनेमा खंड दुनिया भर से सांस्कृतिक और कलात्मक दृष्टि से उत्कृष्ट फिल्मों को एक साथ लाता है। इस खंड में फिल्म उद्योग के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा चयनित वर्ष की शीर्ष फिल्मों का प्रदर्शन होता है, जो सिनेमा के माध्यम से दुनिया का एक व्यापक दृश्य प्रस्तुत करता है।


भारतीय पैनोरमा भारतीय पैनोरमा IFFI का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें 25 फीचर फिल्में और 20 गैर-फीचर फिल्में शामिल हैं। फीचर श्रेणी की उद्घाटन फिल्म "स्वातंत्र्य वीर सावरकर" (हिंदी) है, जिसका निर्देशन रणदीप हुड्डा ने किया है। गैर-फीचर श्रेणी की उद्घाटन फिल्म "घर जैसा कुछ" (लद्दाखी) है, जिसका निर्देशन हर्ष संगानी ने किया है।


भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक का पुरस्कार IFFI 2024 ने भारतीय सिनेमा में नवोदित आवाजों के लिए एक नई पुरस्कार श्रेणी, भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक का पुरस्कार, शुरू किया है। इस श्रेणी में पाँच डेब्यू फिल्मों का सम्मान किया जाएगा:

  • बूंग (मणिपुरी) - लक्ष्मीप्रिया देवी

  • घराट गणपति (मराठी) - नवज्योत बंडिवडेकर

  • मिक्का बन्नाडा हक्की (कन्नड़) - मनोहरा के.

  • रज़ाकर (तेलुगु) - यात सत्यनारायण

  • थनुप (मलयालम) - रागेश नारायणन


भारतीय सिनेमा की विरासत का उत्सव IFFI 2024 में भारतीय सिनेमा के चार महान दिग्गजों को श्रद्धांजलि दी जाएगी: अभिनेता राज कपूर, निर्देशक तपन सिन्हा, तेलुगु आइकन अक्किनेनी नागेश्वर राव (ANR), और गायक मोहम्मद रफी। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) द्वारा इन महान कलाकारों की फिल्मों को बहाल किया गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस विरासत का आनंद ले सकें।


सांस्कृतिक आदान-प्रदान: विशेष फोकस देश - ऑस्ट्रेलिया हर साल, IFFI एक देश पर विशेष ध्यान देता है। 2024 में ऑस्ट्रेलिया को विशेष फोकस में रखा गया है, जहाँ ड्रामा, थ्रिलर से लेकर डॉक्यूमेंट्री और कॉमेडी तक विभिन्न प्रकार की सात फिल्मों का प्रदर्शन होगा। इस खंड में ऑस्ट्रेलिया की सांस्कृतिक विविधता और भारत-ऑस्ट्रेलिया सांस्कृतिक साझेदारी को उजागर किया जाएगा।


स्क्रीनिंग से परे: कार्यशालाएं, मास्टरक्लास और नेटवर्किंग कार्यक्रम IFFI के रेड कार्पेट इवेंट में फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक और फिल्म निर्माताओं का जमावड़ा होता है, जो सिनेमा की दुनिया को जीवन्त बनाता है। इसके अलावा, IFFI विभिन्न कार्यशालाओं, मास्टरक्लास और नेटवर्किंग कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जो फिल्म निर्माण के प्रति सराहना को बढ़ावा देते हैं।


समावेशिता और पहुंच योग्यता IFFI 2024 ने समावेशिता के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे रैंप, हैंडरेल, स्पर्शनीय पथ और ब्रेल संकेतों का प्रावधान। यह महोत्सव भारत के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसमें हर किसी के लिए बिना बाधा के आयोजन स्थल सुनिश्चित करना शामिल है।


IFFI की विरासत: वैश्विक सिनेमा के लिए एक प्रमुख मंच 1952 में स्थापित, भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव एशिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवों में से एक है। 2004 से गोवा इसका स्थायी स्थान बना हुआ है। IFFI की व्यवस्था सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा के सहयोग से की जाती है, और इसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माता संघों के महासंघ (FIAPF) की मान्यता प्राप्त है।


भारत के 55वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) का आयोजन गोवा मेंसमाचार में क्यों: 55वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) पनाजी, गोवा में शुरू होने जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में भारत की बढ़ती भूमिका का उत्सव मनाया जाएगा।


IFFI 2024 की थीम: "युवा फिल्म निर्माता - भविष्य अब है"स्थान: पनाजी, गोवा, भारतस्थापना: 1952 में, गोवा 2004 से स्थायी स्थल


आयोजक: सूचना और प्रसारण मंत्रालय (भारत), राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC), और एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा


मुख्य आकर्षण:

  • फिल्म लाइनअप: 16 श्रेणियों में विभाजित फिल्में; भारतीय पैनोरमा में 25 फीचर और 20 गैर-फीचर फिल्में। फीचर खंड की उद्घाटन फिल्म "स्वातंत्र्य वीर सावरकर" (हिंदी) और गैर-फीचर खंड की "घर जैसा कुछ" (लद्दाखी) होगी।

  • नया पुरस्कार: "भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक" का पुरस्कार, भारतीय संस्कृति की विविधता को प्रदर्शित करने वाली पांच डेब्यू फिल्मों को सम्मानित करेगा।

  • शताब्दी श्रद्धांजलि: राज कपूर, तपन सिन्हा, अक्किनेनी नागेश्वर राव, और मोहम्मद रफी जैसे दिग्गजों को क्लासिक फिल्मों के पुनर्स्थापित संस्करणों और विशेष प्रस्तुति के साथ सम्मानित किया जाएगा।

  • विशेष फोकस देश: ऑस्ट्रेलिया - ऑस्ट्रेलियाई फिल्में दिखाने का उद्देश्य भारत-ऑस्ट्रेलिया सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देना है।

  • कार्यशालाएं और कार्यक्रम: मास्टरक्लास, चर्चाएँ और रेड कार्पेट इवेंट, जिसमें अभिनेता, निर्देशक, और विशेषज्ञ शामिल होंगे। "क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो," "फिल्म बाजार," और "सिने मेला" जैसी विशेष गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएंगी।


सुलभता और समावेशिता: सभी कार्यक्रम स्थल पर रैंप, ब्रेल साइन, स्पर्शनीय मार्ग, और विकलांग व्यक्तियों के लिए अन्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं।


महत्व: यह महोत्सव सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, भारतीय सिनेमा में क्षेत्रीय आवाज़ों को सामने लाता है, नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करता है, और भारत की अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग में भूमिका को मजबूत करता है।


इतिहास: 1952 में स्थापित, IFFI एशिया के प्रमुख फिल्म महोत्सवों में से एक है। इसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माता संघों के महासंघ (FIAPF) द्वारा मान्यता प्राप्त है और यह एक प्रतिस्पर्धी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखता है।

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