भारतीय तट रक्षक (ICG) और श्रीलंकाई तट रक्षक (SLCG) की 7वीं वार्षिक उच्च-स्तरीय बैठक 11 नवम्बर 2024 को कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित की गई, जो दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस बैठक में भारतीय तट रक्षक (ICG) की चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महानिदेशक श्री एस. परमेश ने किया, जबकि श्रीलंकाई तट रक्षक (SLCG) की प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महानिदेशक रियर एडमिरल YR सेरासिंघे ने किया।
कार्यक्रम का विवरण
तारीख: 11 नवम्बर 2024
स्थान: कोलंबो, श्रीलंका
प्रतिनिधिमंडल:
भारतीय तट रक्षक (ICG): चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें महानिदेशक श्री एस. परमेश शामिल हैं।
श्रीलंकाई तट रक्षक (SLCG): प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महानिदेशक रियर एडमिरल YR सेरासिंघे ने किया।
मुख्य चर्चा क्षेत्र
बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों का समाधान करने के लिए दोनों तट रक्षकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना था। बैठक में चर्चा किए गए महत्वपूर्ण मुद्दों में शामिल हैं:
नशीली दवाओं की तस्करी: समुद्री क्षेत्र में नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने के प्रयास।
समुद्री प्रदूषण: समुद्रों को स्वच्छ बनाने के लिए सहयोगात्मक उपाय।
मरीनों की सुरक्षा: मरीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्री बचाव संचालन में सुधार।
समुद्री शासन: अधिक प्रभावी समुद्री शासन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना।
क्षमता निर्माण: ज्ञान साझा करने और कौशल को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम।
सहयोगात्मक ढांचे का विकास: बेहतर समन्वय के लिए अन्य सहयोगात्मक उपायों का विकास।
बैठक के परिणाम
दोनों तट रक्षकों ने क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के अपने संकल्प को दोहराया। बैठक में यह महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए:
समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा में वृद्धि: क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना।
सहयोग को मजबूत करना: मौजूदा सहयोगी प्रयासों को और मजबूत करने और नए अवसरों की तलाश करने पर सहमति व्यक्त की।
संस्थागत रूप से स्थापित ढांचा: यह बैठक भारतीय तट रक्षक और श्रीलंकाई तट रक्षक के बीच मई 2018 में हुए सहमति पत्र (MoU) के ढांचे का पालन करती है, जिसने वार्षिक उच्च-स्तरीय बैठक संरचना को औपचारिक रूप से स्थापित किया।
भविष्य की योजनाएँ
8वीं वार्षिक उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन भारतीय तट रक्षक द्वारा 2025 में किया जाएगा, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाएगा।
महत्व
यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि:
क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा: यह क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
द्विपक्षीय संबंध: यह भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री शासन, सुरक्षा और सहयोग के मामले में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करती है।
भारतीय तट रक्षक (ICG)
भारतीय तट रक्षक क्या है?
भारतीय तट रक्षक (ICG) एक सशस्त्र बल है जो भारत के समुद्री हितों की रक्षा करता है और समुद्री कानून लागू करता है।
इसका अधिकार क्षेत्र भारत के क्षेत्रीय जल, सन्निहित क्षेत्र, और विशेष आर्थिक क्षेत्र तक फैला हुआ है।
इतिहास
भारतीय तट रक्षक 1978 में तट रक्षक अधिनियम, 1978 के तहत आधिकारिक रूप से स्थापित किया गया था और इसे भारत के स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
माता मंत्रालय
भारतीय तट रक्षक रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
प्रशासन
भारतीय तट रक्षक के महानिदेशक (DGICG) इस बल के प्रमुख होते हैं।
भारतीय तट रक्षक का मुख्यालय नई दिल्ली में तट रक्षक मुख्यालय (CGHQ) में स्थित है।
यह बैठक भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सहयोग की बढ़ती महत्ता को रेखांकित करती है, जहां दोनों देश समुद्री सुरक्षा, संसाधनों के स्थायी उपयोग, और अन्य प्रमुख समुद्री चुनौतियों का समाधान करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
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